बच्चा पाल नहीं सकते तो मारो मत, यहां छोड़ दो, कोई नहीं करेगा पूछताछ । खबर खास 📺




हिमाचल प्रदेश - जिला मंडी जोनल हास्पिटल मंडी के एमएस डा. डीएस वर्मा ने बताया कि जोनल हास्पिटल में स्थापित पालना केंद्र में 2018 से लेकर आज दिन तक 3 बच्चों को छोड़ा जा चुका है, जिन्हें बाद में चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी के हवाले कर दिया जाता है.मंडी. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक मां ने अपनी दो बच्चियों को खड्ढ के पास फेंक दिया. घटना के बाद से तमाम लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि आखिर एक मां ऐसा कैसे कर सकती है? यदि अगर कोई बच्चा पाल नहीं सकते तो कृपया करके उसे मौत की नींद भी न सुलाइए. उसे अस्पताल में स्थापित ’’पालना शिशु स्वागत केंद्र’’ में छोड़ दीजिए,

कोई आपसे पूछताछ नहीं करेगा. सरकार की इस योजना का शायद बहुत ही कम लोगों को पता है और यही कारण है कि मां ने इस जानकारी के अभाव में अपनी दो नवजात बच्चियों को मौत की नींद सुला दिया.मंडी जिला के छः अस्पतालों में यह सुविधा मौजूद है. इनमें जोनल हास्पिटल मंडी, सिविलि हास्पिटल सुंदरनगर, सरकाघाट, जोगिंद्रनगर, करसोग और जंजैहली हास्पिटल शामिल हैं. जोनल हास्पिटल मंडी में यह पालना ब्लड बैंक के सामने स्थापित किया गया है. यदि आप अपने बच्चे को पालने में असमर्थ हैं तो यहां पर आप 6 वर्ष तक की आयु वाले बच्चे को छोड़ सकते हैं. जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. दिनेश ठाकुर ने बताया कि बच्चों को न मारा जाए और उन्हें हर कहीं न छोड़ा जाए, इसकी रोकथाम के लिए ही यह पालना स्थापित किया गया है. यदि अभिभावक चाहें तो सीधे चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी के समक्ष भी बच्चे को छोड़ सकते हैं. उन्होंने आमजन से इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने की अपील भी की है ताकि बच्चों के साथ होने वाले अमानवीय व्यवहार को रोका जा सके.

खबर खास 📺 से मुनीष ठाकुर की रिपोर्ट ✍

Post a Comment

Previous Post Next Post